🕉 *रामायण में की गई मिलावटों का अवलोकन* *किस प्रकार हमारे *महापुरुष बाहुबली मर्यादापुर्षोत्तम श्रीराम के इतिहास को तोड़मरोड़ कर हमारे समक्ष प्रस्तुत किया गया और इस मानसिक रूप से गुलाम हो चुके हिन्दू समाज ने उन मिलावटों को सत्य और उन मिलावटखोरों को ही भगवान मान लिया।* *रामायण लिखने वाले व्यक्ति महर्षि वाल्मीकि थे जो खुद वेदों के महान ज्ञाता थे, वे रामायण में कहते है मैं प्रचेतस ऋषि का दशवा पुत्र हूँ और मैने पूरे जीवन मे भूल कर भी कोई पाप नही किया ।* *किन्तु मिलावट खोरों ने इन्हें ही डाकू कहकर कुप्रचारित किया ताकि इनकी लिखी रामायण का महत्व निम्न हो जाये और अन्य मिलावटी रामकथाओं को प्रचारित किया जा सके ।* *गुलामी काल में अकबर ने एक ऐसा गुलाम खोजा जिसकी पंडत समाज मे कोई इज्जत नही थी, न तो उसे सँस्कृत आती है न व्याकरण किन्तु अवधि भाषा में दोहे लिखना जानता है ।* *इस गुलाम को रहने के लिए मस्जिद में स्थान दिया गया , रहीम नामक अकबर के एक एजेंट ने इससे मित्रता की ओर रामकथा को उनके अनुसार लिखने को कहा गया ।* *इसने दास बनकर अकबर के कार्य को पूरा किया।* *देखिये इ